
लिंग (Ling in Hindi) का मतलब है किसी शब्द से यह जान पाना कि वह स्त्री से जुड़ा है या पुरुष से। हिंदी में लिंग यह बताता है कि कोई व्यक्ति, जानवर या वस्तु पुरुष है या स्त्री। “लिंग” शब्द संस्कृत का है, जिसका अर्थ होता है पहचान या चिन्ह। जब किसी शब्द से यह समझ में आए कि वह स्त्री के लिए है या पुरुष के लिए, तो उस शब्द को लिंग से जोड़ा जाता है। हिंदी में दो प्रकार के लिंग होते हैं – पुल्लिंग और स्त्रीलिंग। पुल्लिंग वे शब्द होते हैं जो पुरुष जाति को दर्शाते हैं, जैसे “राम खेलता है” में “खेलता” पुल्लिंग है। स्त्रीलिंग वे शब्द होते हैं जो स्त्री जाति को दिखाते हैं, जैसे “सीमा हँसती है” में “हँसती” स्त्रीलिंग है। इस प्रकार लिंग का प्रयोग वाक्य में कर्ता के लिंग के अनुसार शब्दों को बदलने के लिए किया जाता है।
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लिंग की परिभाषा (Definition of Ling in Hindi)
लिंग वह व्याकरणिक गुण है जिससे हमें यह पता चलता है कि कोई संज्ञा या सर्वनाम पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का।
🔹 सरल शब्दों में —
जिस शब्द से किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु या भावना के स्त्री या पुरुष होने का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं।
लिंग एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है — चिन्ह या पहचान। जब किसी शब्द से यह समझ में आए कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, तो उसे लिंग कहा जाता है। हिंदी में लिंग के दो ही प्रकार होते हैं — पुल्लिंग (जो पुरुष को दर्शाता है) और स्त्रीलिंग (जो स्त्री को दर्शाता है)।
🔹 पुल्लिंग शब्द वे होते हैं जो किसी पुरुष, जानवर या वस्तु को पुरुष जाति के रूप में दिखाते हैं।
जैसे: राजा, लड़का, मोहन, सियार, कुत्ता, हाथी, घोड़ा, पंखा, दरवाज़ा, पिता, भाई आदि।
🔹 स्त्रीलिंग शब्द वे होते हैं जो किसी स्त्री, मादा जानवर या वस्तु को स्त्री जाति के रूप में दिखाते हैं।
जैसे: रानी, लड़की, सीता, सियारिन, कुतिया, हथिनी, घोड़ी, खिड़की, माता, बहन आदि।
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
शिक्षक | शिक्षिका |
गायक | गायिका |
लेखक | लेखिका |
अभिनेता | अभिनेत्री |
कवि | कवयित्री |
ऊँट | ऊँटनी |
गधा | गधी |
गुड्डा | गुड़िया |
कुत्ता | कुतिया |
छात्र | छात्रा |
लिंग के भेद
हिंदी व्याकरण में लिंग के दो मुख्य भेद होते हैं:
1. पुल्लिंग (Masculine Gender)
वे शब्द जो पुरुष जाति, नर प्राणी या ऐसी वस्तुओं को दर्शाते हैं जिन्हें हिंदी में पुल्लिंग माना जाता है, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं।
✅ उदाहरण:
- लड़का
- पिता
- मोहन
- गायक
- शेर
- घोड़ा
- दरवाज़ा
- मोबाइल
- पंखा
2. स्त्रीलिंग (Feminine Gender)
वे शब्द जो स्त्री जाति, मादा प्राणी या ऐसी वस्तुओं को दर्शाते हैं जिन्हें हिंदी में स्त्रीलिंग माना जाता है, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं।
✅ उदाहरण:
- लड़की
- माता
- सीता
- गायिका
- शेरनी
- घोड़ी
- खिड़की
- बोतल
- घड़ी
भेद | अर्थ | उदाहरण |
---|---|---|
पुल्लिंग | पुरुष या नर जाति का बोध | लड़का, शेर, पंखा, राजा |
स्त्रीलिंग | स्त्री या मादा जाति का बोध | लड़की, शेरनी, घड़ी, रानी |
लिंग निर्धारण या लिंग निर्णय (Gender Identification in Hindi)
हिंदी में किसी शब्द का लिंग (स्त्री या पुरुष होना) तय करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। इन नियमों की मदद से हम समझ सकते हैं कि कोई शब्द पुल्लिंग है या स्त्रीलिंग।
हालाँकि, इनमें कई बार अपवाद (exceptions) भी देखने को मिलते हैं। इसलिए लिंग पहचानते समय थोड़ी सावधानी ज़रूरी होती है।
🔹 1. प्राणीवाचक संज्ञाओं के आधार पर लिंग निर्णय
जब कोई संज्ञा किसी जीव-जंतु या व्यक्ति का बोध कराए और अगर वह पुरुष हो, तो वह शब्द पुल्लिंग होगा।
अगर वही संज्ञा स्त्री को दर्शाए, तो वह स्त्रीलिंग कहलाएगी।
✅ उदाहरण:
- कुत्ता, हाथी, शेर – ये पुल्लिंग शब्द हैं क्योंकि ये नर प्राणी हैं।
- कुतिया, हथिनी, शेरनी – ये स्त्रीलिंग शब्द हैं क्योंकि ये मादा प्राणी हैं।
🔹 2. कुछ प्राणीवाचक संज्ञाएँ नित्य पुल्लिंग मानी जाती हैं
कुछ जानवरों के नाम ऐसे होते हैं जो चाहे नर हों या मादा, दोनों के लिए एक ही शब्द प्रयोग होता है, लेकिन उन्हें व्याकरण में हमेशा पुल्लिंग माना जाता है।
✅ उदाहरण:
- खरगोश
- खटमल
- गैंडा
- भालू
- उल्लू
इन सभी को व्याकरण में नित्य पुल्लिंग (सदैव पुल्लिंग) माना जाता है।
🔹 3. कुछ प्राणीवाचक संज्ञाएँ नित्य स्त्रीलिंग होती हैं
कुछ ऐसे शब्द भी होते हैं जो दोनों लिंग के लिए समान रूप से प्रयोग किए जाते हैं, लेकिन उन्हें हमेशा स्त्रीलिंग माना जाता है।
✅ उदाहरण:
- चील
- तितली
- छिपकली
- कोमल (यदि नाम के रूप में प्रयुक्त हो)
इन शब्दों को व्याकरण में नित्य स्त्रीलिंग माना जाता है।
लिंग पहचान में होने वाली कठिनाइयाँ
हिंदी में कई बार लिंग पहचानना मुश्किल हो जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी मातृभाषा हिंदी नहीं है।
हिंदी में कुछ अप्राणीवाचक संज्ञाएँ (जैसे वस्तुएँ, भाव, विचार) ऐसे होते हैं जिनके लिंग का पता लगाना नियम से नहीं, बल्कि प्रयोग की आदत से होता है।
✅ उदाहरण:
- किताब = स्त्रीलिंग
- ग्रंथ = पुल्लिंग
दोनों का मतलब एक जैसा है, लेकिन लिंग अलग है।
इसी तरह, कुछ शब्दों के पर्यायवाची शब्द अलग लिंग के हो सकते हैं।
लिंग पहचानने का एक आसान तरीका
यदि आपको किसी शब्द का लिंग नहीं समझ आ रहा है, तो आप उसे बहुवचन (Plural) में बदलकर लिंग पहचान सकते हैं।
यह तरीका विशेष रूप से अप्राणीवाचक संज्ञाओं के लिए उपयोगी है।
👇 कैसे पहचानें:
- अगर बहुवचन में शब्द के अंत में “याँ” या “याँ” जैसे शब्द आएं, तो वह स्त्रीलिंग होगा।
- अगर बहुवचन में ऐसा कुछ नहीं आता, तो वह पुल्लिंग माना जाएगा।
✅ उदाहरण:
- पंखा → पंखे 👉 पुल्लिंग (क्योंकि “याँ” नहीं आया)
- चाबी → चाबियाँ 👉 स्त्रीलिंग (क्योंकि “याँ” आया)
लिंग पहचान के लिए कुछ सामान्य नियम ज़रूर हैं, लेकिन उनमें कई अपवाद भी होते हैं।
जिनकी मातृभाषा हिंदी है, उन्हें लिंग पहचान में बहुत कठिनाई नहीं होती क्योंकि वे शब्दों का प्रयोग स्वाभाविक रूप से सही करते हैं।
फिर भी यदि संदेह हो तो शब्द का बहुवचन रूप बनाकर लिंग पहचाना जा सकता है।
पुल्लिंग की पहचान
हिंदी में ऐसे संज्ञा शब्द जो पुरुष जाति, मर्दाना चीज़ें या ऐसी वस्तुएँ दर्शाते हैं जिन्हें मर्दाना समझा जाता है, उन्हें पुल्लिंग कहा जाता है। इन शब्दों की पहचान के लिए कुछ मुख्य नियम होते हैं:
बिलकुल! नीचे “पुल्लिंग की पहचान” को बुलेट फॉर्मेट में सरल और स्पष्ट रूप में लिखा गया है:
- ‘अ’, ‘त्व’, ‘आ’, ‘आव’, ‘पा’, ‘पन’, ‘न’ आदि प्रत्यय वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: मन, तन, वन, राम, शेर, देवत्व, सतीत्व, बचपन, मोटापा - पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: हिमालय, कैलाश, सतपुड़ा, आल्प्स, विंध्याचल - सप्ताह के दिन पुल्लिंग माने जाते हैं।
🔸 उदाहरण: सोमवार, मंगलवार, शुक्रवार, रविवार - देशों और राज्यों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: भारत, चीन, जापान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश - धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: सोना, तांबा, लोहा, पारा
⚠️ अपवाद: चाँदी (स्त्रीलिंग) - ग्रह, नक्षत्र व आकाशीय पिंडों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: सूर्य, चंद्र, मंगल, राहु, बृहस्पति - महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: मार्च, चैत, आषाढ़, फागुन
⚠️ अपवाद: फरवरी (स्त्रीलिंग) - तरल पदार्थ (द्रव) पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: पानी, तेल, पेट्रोल, दही, दूध - पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: आम, नीम, बरगद, पीपल, शीशम - सागरों और समुद्रों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अरब सागर - समय को दर्शाने वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: घंटा, मिनट, पल, क्षण - अनाजों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: गेहूँ, बाजरा, चना, जौ - वर्णमाला के अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: अ, उ, ए, क, ग, च, ल, श - पुरुष प्राणी और नर जानवरों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: बालक, कवि, खटमल, मच्छर, भेड़िया, खरगोश - समूहवाचक संज्ञाएँ पुल्लिंग होती हैं।
🔸 उदाहरण: मंडल, दल, समाज, समूह, वर्ग - भारी और असंतुलित वस्तुएँ पुल्लिंग मानी जाती हैं।
🔸 उदाहरण: जूता, रस्सा, पहाड़, लोटा - रत्नों और कीमती पत्थरों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: हीरा, मोती, नीलम, पन्ना - फूलों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: गुलाब, गेंदा, कमल, मोतिया - द्वीपों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: अंडमान-निकोबार, जावा, क्यूबा - शरीर के अंग आमतौर पर पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: हाथ, पैर, सिर, कान, घुटना
⚠️ अपवाद: आँख, नाक, जीभ, उँगली (स्त्रीलिंग) - ‘दान’, ‘खाना’, ‘वाला’ से समाप्त शब्द पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: खानदान, दवाखाना, दूधवाला, दुकानवाला - ‘आ’ या ‘अ’ से अंत वाले (आकारांत) शब्द पुल्लिंग होते हैं।
🔸 उदाहरण: गुस्सा, चश्मा, पैसा, झगड़ा, छाता
स्त्रीलिंग की पहचान
- ‘ख’, ‘ट’, ‘वट’, ‘हट’, ‘आनी’ आदि प्रत्यय वाले शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: कड़वाहट, आहट, बनावट, मिठाई, छाया, प्यास, इन्द्राणी, जेठानी, ठकुरानी आदि। - अनुस्वारांत, ईकारांत, उकारांत, तकारांत, सकारांत संज्ञा स्त्रीलिंग होती हैं।
उदाहरण: रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, रात, बात, लू, बालू, सरसों, बेटी, मामी, भाभी आदि। - भाषाओं, बोलियों और लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: हिंदी, संस्कृत, अंग्रेज़ी, बंगाली, अरबी, देवनागरी, गुरुमुखी आदि। - नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा, रावी आदि। - तारीख़ों और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: पहली, दूसरी, प्रतिपदा, पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी, चतुर्थी आदि। - नक्षत्रों के कुछ नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: अश्विनी, भरणी, रोहिणी, रेवती, मृगशिरा, चित्रा आदि। - हमेशा स्त्रीलिंग रहने वाली संज्ञाएं।
उदाहरण: मक्खी, कोयल, मछली, तितली, मैना आदि। - समूहवाचक संज्ञाएं अक्सर स्त्रीलिंग होती हैं।
उदाहरण: भीड़, कमेटी, सेना, सभा, कक्षा आदि। - कुछ प्राणीवाचक संज्ञाएं स्त्रीलिंग होती हैं।
उदाहरण: धाय, संतान, सौतन आदि। - पुस्तकों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: गीता, रामायण, बाइबल, महाभारत, कुरान आदि। - आहारों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: सब्ज़ी, दाल, पूरी, कचौरी, पकोड़ी, रोटी आदि। - शरीर के कुछ अंगों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: आँख, नाक, जीभ, पलक, उँगली, ठोड़ी आदि। - आभूषणों और वस्त्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: साड़ी, धोती, चुन्नी, माला, चूड़ी, बिंदी, अंगूठी आदि। - मसालों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: हल्दी, मिर्च, धनिया, लौंग, दालचीनी, इलायची आदि। - राशियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण: मीन, सिंह, कुम्भ, तुला, मेष, कर्क आदि।
लिंग परिवर्तन
लिंग परिवर्तन उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें पुल्लिंग (पुरुष जाति को दर्शाने वाले शब्द) को स्त्रीलिंग (स्त्री जाति को दर्शाने वाले शब्द) में या स्त्रीलिंग को पुल्लिंग में बदला जाता है।
👉 लिंग परिवर्तन की परिभाषा:
“जब किसी संज्ञा शब्द का लिंग बदलकर उसे विपरीत लिंग में परिवर्तित किया जाता है, तो उसे लिंग परिवर्तन कहते हैं।”
🔹 उदाहरण:
- पुल्लिंग → स्त्रीलिंग
राजा → रानी
लड़का → लड़की
शिक्षक → शिक्षिका - स्त्रीलिंग → पुल्लिंग
बेटी → बेटा
रानी → राजा
गाय → बैल
✅ लिंग परिवर्तन का उद्देश्य वाक्य में लिंग की शुद्धता बनाए रखना होता है, ताकि भाषा व्याकरण के अनुसार सही हो।
लिंग परिवर्तन के नियम
🔹 नियम 1: पुल्लिंग शब्दों के अंत में अ या आ हो, तो उन्हें “ई” करके स्त्रीलिंग बनाया जाता है।
- गायक → गायिका
- लेखक → लेखिका
- छात्र → छात्रा
- राजा → रानी
- बच्चा → बच्ची
🔹 नियम 2: जिन शब्दों के अंत में अ, आ, वा हो, वहाँ “इया” जोड़कर स्त्रीलिंग बनता है।
- बेटा → बिटिया
- लोटा → लुटिया
- बंदर → बंदरिया
- बुज़ुर्ग → बुज़ुर्गिया
- बुढ़ा → बुढ़िया
🔹 नियम 3: “अक” प्रत्यय वाले शब्दों में “इका” जोड़कर स्त्रीलिंग बनता है।
- अध्यापक → अध्यापिका
- सेवक → सेविका
- चालक → चालिका
- पाठक → पाठिका
- संपादक → संपादिका
🔹 नियम 4: कुछ शब्दों में स्त्रीलिंग बनाने के लिए “नर/मादा” शब्द जोड़ते हैं।
- तोता → मादा तोता
- कछुआ → मादा कछुआ
- खटमल → मादा खटमल
- कोयल → नर कोयल
- मक्खी → नर मक्खी
🔹 नियम 5: कुछ पुल्लिंग-स्त्रीलिंग शब्द एकदम अलग होते हैं।
- पिता → माता
- भाई → बहन
- वर → वधू
- पुत्र → पुत्री
- राजा → रानी
🔹 नियम 6: जिन शब्दों का स्त्रीलिंग नहीं बनता, उनमें “आनी” जोड़ते हैं।
- ठाकुर → ठकुरानी
- सेठ → सेठानी
- देवर → देवरानी
- पंडित → पंडितानी
- नौकर → नौकरानी
🔹 नियम 7: कुछ शब्दों में “इन” जोड़कर स्त्रीलिंग बनता है।
- दर्जी → दर्जिन
- कुम्हार → कुम्हारिन
- धोबी → धोबिन
- माली → मालिन
- बाघ → बाघिन
🔹 नियम 8: कुछ शब्दों में “आइन” जोड़कर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।
- चौधरी → चौधराइन
- पंडित → पंडिताइन
- बाबू → बबुआइन
- गुरु → गुरुआइन
- हलवाई → हलवाइन
🔹 नियम 9: जिन शब्दों में “ता” होता है, वहाँ “त्री” जोड़ने से स्त्रीलिंग बनता है।
- नेता → नेत्री
- दाता → दात्री
- वक्ता → वक्त्री
- निर्माता → निर्मात्री
- विधाता → विधात्री
🔹 नियम 10: कुछ भाववाचक या जातिवाचक शब्दों में “नी” जोड़कर स्त्रीलिंग बनता है।
- शेर → शेरनी
- हाथी → हथिनी
- मोर → मोरनी
- हंस → हंसनी
- चोर → चोरनी
🔹 नियम 11: कुछ संस्कृतनिष्ठ शब्दों में “इनी” जोड़कर स्त्रीलिंग बनाते हैं।
- स्वामी → स्वामिनी
- तपस्वी → तपस्विनी
- संन्यासी → संन्यासिनी
- दंडी → दंडिनी
- मनस्वी → मनस्विनी
🔹 नियम 12: संस्कृत के मान और वान वाले शब्दों को मती और वती करके स्त्रीलिंग बनाते हैं।
- बुद्धिमान → बुद्धिमती
- श्रीमान → श्रीमती
- भाग्यवान → भाग्यवती
- धनवान → धनवती
- आयुष्मान → आयुष्मती
🔹 नियम 13: अकारांत शब्दों में “आ” जोड़कर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।
- तनुज → तनुजा
- आत्मज → आत्मजा
- प्रिय → प्रिया
- पूज्य → पूज्या
- चंचल → चंचला
लिंग के उदाहरण
यहाँ लिंग (Gender) के विभिन्न उदाहरण दिए गए हैं, जिन्हें आप पुल्लिंग (Masculine) और स्त्रीलिंग (Feminine) के रूप में देख सकते हैं:
पुल्लिंग (Masculine) | स्त्रीलिंग (Feminine) |
---|---|
लड़का | लड़की |
राजा | रानी |
देवता | देवी |
बेटा | बेटी |
भाई | बहन |
शिक्षक | शिक्षिका |
कवि | कवयित्री |
पंडित | पंडितानी |
नौकर | नौकरानी |
शेर | शेरनी |
गायक | गायिका |
पुत्र | पुत्री |
अधिकारी | अधिकारीनी |
साहूकार | साहूकारिन |
व्यापारी | व्यापारीनी |
सेवक | सेविका |
बालक | बालिका |
वर | वधू |
भक्त | भक्तिन |
संन्यासी | संन्यासिनी |
नेता | नेत्री |
चालक | चालिका |
लेखक | लेखिका |
दाता | दात्री |
वक्ता | वक्त्री |
माली | मालिन |
कुम्हार | कुम्हारिन |
बकरी | बकरा |
घोड़ा | घोड़ी |
तोता | मादा तोता |
बाघ | बाघिन |
कुत्ता | कुतिया |
मोर | मोरनी |
हंस | हंसिनी |
सिंह | सिंहनी |
मेहतर | मेहतरानी |
ठाकुर | ठकुरानी |
सेठ | सेठानी |
ब्राह्मण | ब्राह्मणी |
नर | नारी |
🔶 कुछ विशेष जोड़े (जहाँ पुल्लिंग और स्त्रीलिंग पूरी तरह भिन्न हैं):
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
पिता | माता |
मामा | मामी |
फूफा | फूफी/बुआ |
दादा | दादी |
ताऊ | ताई |
मौसा | मौसी |
दामाद | बहू |
राजा | रानी |
भाई | बहन |
FAQs on लिंग | लिंग की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Ling in Hindi
लिंग क्या होता है?
लिंग का अर्थ होता है किसी संज्ञा या सर्वनाम के माध्यम से यह बताना कि वह शब्द स्त्री जाति को दर्शाता है या पुरुष जाति को। हिंदी व्याकरण में दो प्रकार के लिंग होते हैं – पुल्लिंग (पुरुष को दर्शाने वाले शब्द) और स्त्रीलिंग (स्त्री को दर्शाने वाले शब्द)। उदाहरण के लिए, ‘राजा’ पुल्लिंग है जबकि ‘रानी’ स्त्रीलिंग है।
लिंग परिवर्तन क्या होता है?
लिंग परिवर्तन का अर्थ है किसी पुल्लिंग शब्द को स्त्रीलिंग में बदलना या स्त्रीलिंग को पुल्लिंग में बदलना। जैसे ‘गायक’ को बदलकर ‘गायिका’ बनाना, या ‘बेटा’ को बदलकर ‘बेटी’ बनाना। इसके लिए हिंदी व्याकरण में कई नियम हैं, जैसे प्रत्यय जोड़ना, ध्वनि परिवर्तन करना आदि।
लिंग की पहचान कैसे की जाती है?
लिंग की पहचान शब्द के अंत में लगे विशेष प्रत्ययों से की जा सकती है। जैसे जिन शब्दों के अंत में ‘पन’, ‘त्व’, ‘आ’, ‘पा’ आता है, वे आमतौर पर पुल्लिंग होते हैं जैसे ‘बचपन’, ‘देवत्व’, ‘चढ़ाव’ आदि। वहीं जिन शब्दों के अंत में ‘ई’, ‘आनी’, ‘इन’, ‘ता’ आदि आते हैं, वे स्त्रीलिंग होते हैं जैसे ‘नदी’, ‘ठकुरानी’, ‘धोबिन’, ‘मित्रता’ आदि।
क्या सभी शब्दों का लिंग परिवर्तन किया जा सकता है?
नहीं, सभी शब्दों का लिंग परिवर्तन संभव नहीं होता। कुछ शब्द केवल पुल्लिंग या स्त्रीलिंग ही रहते हैं, जैसे ‘सूरज’ का कोई स्त्रीलिंग नहीं है और ‘धरती’ का कोई पुल्लिंग नहीं होता। इसके अलावा कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो दोनों लिंगों के लिए एक जैसे रहते हैं, जैसे ‘डॉक्टर’, ‘अध्यापक’, ‘खिलाड़ी’ आदि।
क्या निर्जीव वस्तुओं का भी लिंग होता है?
हां, हिंदी में निर्जीव वस्तुओं का भी लिंग होता है। जैसे ‘कुर्सी’ स्त्रीलिंग है और ‘पंखा’ पुल्लिंग। वस्तु का लिंग शब्द की परंपरागत प्रयोग पर आधारित होता है, न कि उस वस्तु के गुणधर्म पर।
क्या सभी भाषाओं के शब्दों का लिंग समान होता है?
नहीं, हिंदी में प्रयुक्त अन्य भाषाओं के शब्द जैसे उर्दू, संस्कृत या अंग्रेज़ी के शब्दों का लिंग हिंदी के व्याकरणिक नियमों से तय किया जाता है। उदाहरण के लिए, ‘रेडियो’ और ‘टीवी’ को पुल्लिंग माना जाता है, जबकि ‘साइकिल’ और ‘कुर्सी’ स्त्रीलिंग मानी जाती हैं।