अव्यय | अव्यय की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Avyay in Hindi

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Avyay in Hindi

अव्यय (Avyay in Hindi) ऐसे शब्द होते हैं जो वाक्य में हमेशा एक जैसे ही रहते हैं, उन पर लिंग, वचन, पुरुष, कारक, संज्ञा, सर्वनाम या क्रिया का कोई असर नहीं पड़ता। ये शब्द न तो अपने रूप में बदलाव करते हैं और न ही किसी विशेष रूप में ढलते हैं।
उदाहरण के तौर पर: जब, तब, कब, कहाँ, क्यों, कैसे, किसने, उधर, ऊपर, इधर, अरे, तथा, और, किन्तु, परंतु, लेकिन, क्योंकि, केवल, यहाँ, वहाँ आदि सभी शब्द अव्यय कहलाते हैं।

इस लेख में हम अव्यय की परिभाषा, उसके भेद, उदाहरण और पहचान को सरल भाषा में विस्तार से समझेंगे।

Table of Contents

अव्यय की परिभाषा (Definition of Avyay in Hindi)

अव्यय वे शब्द होते हैं जो वाक्य में किसी अन्य शब्द के साथ जुड़कर उसका विशेष अर्थ बताते हैं, लेकिन स्वयं के रूप में कोई बदलाव नहीं लाते, चाहे वाक्य में उनका प्रयोग किसी भी रूप में हो।
इनका लिंग, वचन, कारक आदि नहीं बदलता। इसलिए इन्हें “अपरिवर्तनीय शब्द” कहा जाता है।

➡️ उदाहरण: अब, यहाँ, वहाँ, परन्तु, इसलिए, बहुत, नहीं, कैसे, और, फिर भी आदि।

मुख्य विशेषताएँ:

  • इन शब्दों का रूप कभी नहीं बदलता
  • वाक्य में विभिन्न भूमिकाएँ निभाते हैं
  • भाव या संदर्भ के अनुसार अर्थ बदल सकता है
  • व्याकरणिक रूप से अपरिवर्तनीय

अव्यय के उदाहरण (Examples of Avyay in Hindi)

हिंदी के सामान्य अव्यय शब्दों के उदाहरण:

अव्यय शब्द:
जब, तब, अभी, यहाँ, वहाँ, इधर, उधर, क्यों, कैसे, कौन, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, किन्तु, लेकिन, क्योंकि, इसलिए, केवल, फिर, भी, अब, न, तो, या, भी, जरूर, शायद, वास्तव में, बल्कि, जैसे, वैसे, आदि।

इनका प्रयोग वाक्य में इस प्रकार होता है:

  1. अब हमें तुरंत चलना चाहिए।
  2. तब वह बहुत छोटा था, लेकिन अब बड़ा हो गया है।
  3. क्यों तुम देर से आए हो?
  4. यहाँ बहुत शांति है, पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल है।
  5. लेकिन उसने बात मानने से इनकार कर दिया।
  6. शायद आज बारिश हो सकती है।
  7. अरे! तुम अचानक यहाँ कैसे आ गए?
  8. और उसने मुझे किताब भी दी।
  9. इसलिए मैं समय पर नहीं पहुंच पाया।
  10. फिर भी वह हार नहीं मानता।
अव्यय शब्दअर्थ / कार्यउदाहरण वाक्य
अबवर्तमान समय बताता हैअब हमें घर चलना चाहिए।
तबकिसी विशेष समय को दर्शाता हैतब वह स्कूल नहीं गया था।
क्योंकारण पूछने के लिएतुम क्यों नहीं आए?
यहाँनिकट स्थान के लिएयहाँ बहुत भीड़ है।
वहाँदूर स्थान के लिएवहाँ एक सुंदर बाग है।
फिर भीविपरीत स्थिति बताता हैवह बीमार था, फिर भी काम पर गया।
क्योंकिकारण बताने के लिएक्योंकि बारिश हो रही थी, हम नहीं जा सके।
अरे!आश्चर्य या भाव व्यक्त करने हेतुअरे! तुम कब आए?
लेकिनविरोध या अंतर दिखाने के लिएवह पढ़ाई करता है, लेकिन ध्यान नहीं देता।
तथाजोड़ने के लिए (संयोजन)राम तथा श्याम दोनों मित्र हैं।

संस्कृत के प्रमुख अव्यय शब्दों के उदाहरण (Sanskrit Avyay Examples):

संस्कृत अव्यय:
अद्य (आज), ह्यः (कल), श्वः (आने वाला कल), परश्वः (परसों), अधुना (अब), यदा (जब), तदा (तब), सदा (हमेशा), कदा (कब), कथम् (कैसे), यथा (जैसे), तथा (वैसे), कुतः (कहाँ से), कुत्र (कहाँ), च (और), न (नहीं), अपि (भी), तु (किन्तु), वा/अथवा (या), शीघ्रम् (जल्दी), शनैः (धीरे), विना (बिना), सह (साथ), नमः (नमस्कार), स्वस्ति (कल्याण), धिक् (धिक्कार)।

इनका प्रयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है:

  1. अद्य विद्यालय में वार्षिक उत्सव है।
  2. ह्यः मैं अपने दादा से मिलने गया था।
  3. श्वः हम तीर्थ यात्रा पर जाएँगे।
  4. यदा प्रयास किया जाता है, तदा सफलता मिलती है।
  5. कुतः तुम आए हो?
  6. सदा सत्य बोलना चाहिए।
  7. शीघ्रम् उत्तर दो।
  8. शनैः शनैः परिवर्तन होता है।
  9. विना परिश्रम के कुछ नहीं मिलता।
  10. धिक् उस व्यक्ति को जो धोखा देता है।
अव्यय शब्दहिंदी अर्थउदाहरण वाक्य
अद्यआजअद्य विद्यालय में उत्सव है।
ह्यःकल (बीता हुआ)ह्यः मैं मामा के घर गया था।
श्वःकल (आने वाला)श्वः हम यात्रा पर जाएँगे।
यदाजबयदा प्रयास करते हैं, तदा सफलता मिलती है।
तदातबयदा परीक्षा होती है, तदा वह गंभीर हो जाता है।
कथम्कैसेकथम् त्वं पाठं पठसि? (तुम पाठ कैसे पढ़ते हो?)
सदाहमेशासदा सत्य बोलो।
पुनःफिरपुनः प्रयत्न करना चाहिए।
औररामः सीता च वनं गतौ। (राम और सीता वन गए।)
नहींन मम दोषः अस्ति। (मुझमें दोष नहीं है।)

अव्यय के भेद (Avyay Ke Bhed)

हिन्दी व्याकरण में अव्यय के पांच भेद होते हैं-

  • क्रिया विशेषण
  • संबंधबोधक
  • समुच्चय बोधक
  • विस्मयादिबोधक
  • निपात

क्रिया विशेषण अव्यय (Adverb)

परिभाषा:
जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रिया विशेषण अव्यय कहते हैं। ये शब्द क्रिया के होने का ढंग, समय, स्थान या मात्रा को स्पष्ट करते हैं।

विस्तृत उदाहरण:
“वह बहुत तेजी से दौड़ता है।” – इस वाक्य में ‘दौड़ता’ क्रिया है और ‘तेजी से’ उसकी विशेषता बता रहा है।

क्रिया विशेषण के उपभेद:

1. स्थानवाचक क्रियाविशेषण

ये शब्द क्रिया के होने के स्थान का बोध कराते हैं।

उदाहरण:

  • “बच्चे खेल के मैदान में इधर-उधर भाग रहे थे।”
  • “कृपया यहाँ बैठ जाइए।”
  • “वह ऊपर चढ़ गया।”

अन्य उदाहरण: नीचे, आगे, पीछे, दाएँ, बाएँ, अंदर, बाहर, दूर, पास, आसपास, चारों ओर

2. कालवाचक क्रियाविशेषण

ये शब्द क्रिया के होने के समय का बोध कराते हैं।

उदाहरण:

  • “मैं कल आगरा जाऊँगा।”
  • “वह रोज़ योगा करता है।”
  • “डॉक्टर अभी-अभी आए हैं।”

अन्य उदाहरण: परसों, आज, सदैव, नित्य, प्रतिदिन, सुबह, शाम, रात, अभी, तुरंत, जल्दी, देर से, पहले, बाद में

3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

ये शब्द क्रिया की मात्रा या परिमाण को दर्शाते हैं।

उदाहरण:

  • “उसने थोड़ा खाना खाया।”
  • “मैंने पूरी तरह समझ लिया।”
  • “यह काम आधा ही हुआ है।”

अन्य उदाहरण: अत्यंत, बहुत, काफी, थोड़ा-बहुत, जरा सा, पूर्णतः, अधिक, न्यूनतम, अधिकतम

4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण

ये शब्द क्रिया के होने के ढंग या रीति को बताते हैं।

उदाहरण:

  • “वह धीरे-धीरे चलता है।”
  • “बच्चे खुशी-खुशी खेल रहे थे।”
  • “मैंने सावधानीपूर्वक काम किया।”

अन्य उदाहरण: अचानक, धड़ाधड़, तेजी से, सहजता से, ठीक से, गलत तरीके से, इच्छापूर्वक, अनिच्छापूर्वक

संबंधबोधक अव्यय (Postposition)

परिभाषा:
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से जोड़ते हैं, उन्हें संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। ये शब्द सदैव संज्ञा या सर्वनाम के बाद आते हैं।

विस्तृत उदाहरण:

  • “मेरे घर के पीछे एक बगीचा है।” (स्थान संबंध)
  • “उसके आने के बाद हम चले गए।” (काल संबंध)
  • “मैं तुम्हारे लिए यह उपहार लाया हूँ।” (उद्देश्य संबंध)

संबंधबोधक के प्रमुख प्रकार:

  1. स्थानवाचक: के ऊपर, के नीचे, के आगे, के पीछे
    • “किताब मेज़ के नीचे पड़ी है।”
  2. कालवाचक: के पहले, के बाद, के दौरान
    • “भोजन के पहले हाथ धो लें।”
  3. साधनवाचक: के द्वारा, के जरिए
    • “यह काम उसके द्वारा किया गया।”
  4. हेतुवाचक: के लिए, के वास्ते
    • “यह दवा बुखार के लिए है।”
  5. विरोधसूचक: के विरुद्ध, के खिलाफ
    • “वह नियमों के विरुद्ध काम कर रहा है।”

समुच्चयबोधक अव्यय (Conjunction)

परिभाषा:
जो शब्द दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं।

प्रमुख प्रकार:

  1. समानाधिकरण (Coordinating):
    • और, एवं, तथा, या, अथवा, परंतु, किंतु, लेकिन
    • “राम ने पढ़ाई की और सो गया।”
  2. व्यधिकरण (Subordinating):
    • क्योंकि, ताकि, जबकि, यदि, तो, अगर
    • “मैं नहीं आया क्योंकि मैं बीमार था।”

विस्तृत उदाहरण:

  • “वह न केवल पढ़ाई में अच्छा है बल्कि खेल में भी उत्कृष्ट है।”
  • यदि बारिश होगी तो मैच स्थगित हो जाएगा।”
  • “मैं तुमसे मिलना चाहता था परंतु समय नहीं मिला।”

विस्मयादिबोधक अव्यय (Interjection)

परिभाषा:
जो शब्द अचानक उठने वाले मनोभावों को व्यक्त करते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं। इनके साथ विस्मयादिबोधक चिह्न (!) का प्रयोग होता है।

भावानुसार प्रकार:

  1. हर्षबोधक: वाह!, अहा!, शाबाश!
    • वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।”
  2. शोकबोधक: हाय!, आह!, ओह!
    • हाय! मेरा फोन टूट गया।”
  3. आश्चर्यबोधक: अरे!, क्या!, हैं!
    • अरे! तुम यहाँ कब आए?”
  4. संबोधनबोधक: अजी!, ओ!, रे!
    • ओ राम! यहाँ आओ।”
  5. घृणाबोधक: छिः!, धत्!, थू!
    • छिः! ऐसा मत करो।”

निपात अव्यय (Particle)

परिभाषा:
जो शब्द वाक्य में किसी शब्द या पद पर विशेष बल देने के लिए प्रयुक्त होते हैं, उन्हें निपात अव्यय कहते हैं।

प्रमुख प्रकार:

  1. नकारात्मक: न, नहीं, मत
    • “मैं नहीं जाऊँगा।”
  2. स्वीकारात्मक: हाँ, जी, अवश्य
    • हाँ, मैं तैयार हूँ।”
  3. प्रश्नवाचक: क्या
    • क्या तुम जा रहे हो?”
  4. बलदायक: ही, भी, तक, सिर्फ
    • “मैं ही यह काम करूँगा।”
    • “वह भी आएगा।”
  5. सीमाबोधक: मात्र, केवल
    • केवल दस मिनट बाकी हैं।”

विस्तृत उदाहरण:

  • “तुम तो बिल्कुल तैयार हो।” (बलदायक)
  • क्या तुमने कभी हिमालय देखा है?” (प्रश्नवाचक)
  • “मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा।” (समावेशन)

अव्ययों की पहचान के सूत्र

  1. अपरिवर्तनीयता: शब्द का रूप नहीं बदलता
  2. वाक्य में स्थिति: अक्सर क्रिया से पहले या संज्ञा के बाद
  3. भाव व्यक्ति: विशेष भावों को प्रकट करना
  4. संबंध सूचक: शब्दों के बीच संबंध दिखाना
  5. विस्मय सूचक: (!) चिह्न का प्रयोग

महत्वपूर्ण तथ्य

  • अव्यय शब्द वाक्य के तत्वों को जोड़कर अर्थ को स्पष्ट करते हैं
  • ये भाषा को प्रवाहमय और सुसंबद्ध बनाते हैं
  • संस्कृत में इन्हें ‘अव्ययीभाव समास’ कहते हैं
  • हिंदी में अरबी-फारसी के कुछ शब्द भी अव्यय के रूप में प्रयुक्त होते हैं जैसे ‘बल्कि’, ‘खासकर’

अव्यय (Avyay) – अभ्यास प्रश्न

🔹 1. रिक्त स्थान भरिए (Fill in the blanks)

  1. अव्यय वे शब्द होते हैं जो वाक्य में प्रयुक्त होकर भी अपने ___________ में परिवर्तन नहीं करते।
  2. ‘ही’, ‘भी’, ‘तो’, ‘न’ आदि शब्द __________ कहलाते हैं।
  3. ‘और’, ‘लेकिन’, ‘क्योंकि’ जैसे शब्द __________ अव्यय के अंतर्गत आते हैं।
  4. ‘धीरे’, ‘तेजी से’, ‘कल’ जैसे शब्द __________ कहलाते हैं।
  5. ‘अरे!’, ‘वाह!’ जैसे शब्द __________ अव्यय कहलाते हैं।
  6. ‘में’, ‘से’, ‘के पास’ ये सब __________ अव्यय होते हैं।
  7. अव्यय का शाब्दिक अर्थ है — __________।
  8. “धीरे-धीरे चलो” – इस वाक्य में ‘धीरे’ है: __________
  9. ‘या’, ‘किंतु’, ‘परंतु’ किस प्रकार के अव्यय हैं? __________
  10. जो शब्द किसी भाव, विशेषता या संबंध को दर्शाएं और अपरिवर्तनीय हों, वे कहलाते हैं __________।

✅ उत्तर (Fill in the blanks):

  1. रूप
  2. निपात
  3. समुच्चयबोधक
  4. क्रिया विशेषण
  5. विस्मयादिबोधक
  6. संबंधबोधक
  7. जो न बदले
  8. क्रिया विशेषण
  9. समुच्चयबोधक
  10. अव्यय

🔹 2. बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions – MCQ)

  1. निम्न में से कौन-सा अव्यय नहीं है?
    (A) बहुत
    (B) तो
    (C) और
    (D) परंतु
  2. ‘भी’ किस प्रकार का अव्यय है?
    (A) क्रिया विशेषण
    (B) निपात
    (C) संबंधबोधक
    (D) समुच्चयबोधक
  3. ‘परंतु’, ‘किंतु’, ‘और’, ‘या’ – ये सब क्या दर्शाते हैं?
    (A) भाव
    (B) विकल्प या समन्वय
    (C) निषेध
    (D) संबंध
  4. “मैं भी गया था।” – इसमें ‘भी’ किस अव्यय का उदाहरण है?
    (A) निपात
    (B) संबंधबोधक
    (C) क्रिया विशेषण
    (D) समुच्चयबोधक
  5. ‘किंतु’ का समानार्थी क्या है?
    (A) या
    (B) परंतु
    (C) न
    (D) में
  6. “राम और श्याम आए।” – ‘और’ किसका उदाहरण है?
    (A) क्रिया विशेषण
    (B) निपात
    (C) समुच्चयबोधक
    (D) विस्मयादिबोधक
  7. ‘वाह!’ शब्द किस प्रकार का अव्यय है?
    (A) निपात
    (B) संबंधबोधक
    (C) क्रिया विशेषण
    (D) विस्मयादिबोधक
  8. “घर में कोई नहीं है।” – इसमें ‘में’ किस प्रकार का अव्यय है?
    (A) निपात
    (B) संबंधबोधक
    (C) समुच्चयबोधक
    (D) क्रिया विशेषण
  9. “वह धीरे-धीरे चलता है।” – इसमें ‘धीरे-धीरे’ क्या है?
    (A) निपात
    (B) विस्मयादिबोधक
    (C) क्रिया विशेषण
    (D) संबंधबोधक
  10. “न वह आया, न उसने बताया।” – वाक्य में ‘न’ क्या है?
    (A) निपात
    (B) समुच्चयबोधक
    (C) क्रिया विशेषण
    (D) संबंधबोधक

✅ उत्तर (MCQs):

  1. (A) बहुत
  2. (B) निपात
  3. (B) विकल्प या समन्वय
  4. (A) निपात
  5. (B) परंतु
  6. (C) समुच्चयबोधक
  7. (D) विस्मयादिबोधक
  8. (B) संबंधबोधक
  9. (C) क्रिया विशेषण
  10. (A) निपात

🔹 3. सही जोड़ मिलाइए (Match the following)

स्तंभ Aस्तंभ B
1. लेकिनA. विस्मयादिबोधक
2. मेंB. निपात
3. भीC. समुच्चयबोधक
4. धीरेD. क्रिया विशेषण
5. अरे!E. संबंधबोधक

✅ उत्तर (Match the following):
1 → C. समुच्चयबोधक
2 → E. संबंधबोधक
3 → B. निपात
4 → D. क्रिया विशेषण
5 → A. विस्मयादिबोधक

FAQs: अव्यय (Avyay) – परिभाषा, भेद, उदाहरण

अव्यय किसे कहते हैं?

जो शब्द बदलते नहीं हैं यानी जिनका रूप वाक्य में किसी भी स्थान पर एक जैसा रहता है, उन्हें अव्यय कहते हैं। जैसे – आज, वहाँ, जल्दी, लेकिन, क्योंकि।

अव्यय शब्दों का क्या कार्य होता है?

अव्यय शब्द वाक्य को जोड़ने, स्थान-काल बताने, भाव प्रकट करने और वाक्य को स्पष्टता देने का कार्य करते हैं।

क्या अव्यय वाक्य का आवश्यक भाग होते हैं?

हाँ, अव्यय वाक्य को अर्थपूर्ण और स्पष्ट बनाने में सहायता करते हैं।

अव्यय का प्रयोग कहाँ होता है?

अव्यय का प्रयोग लेखन, बोलचाल, कविता, निबंध आदि सभी भाषा प्रयोगों में होता है।

क्या अव्यय शब्दों में लिंग, वचन या काल के अनुसार परिवर्तन होता है?

नहीं, अव्यय शब्दों में कोई भी व्याकरणिक परिवर्तन नहीं होता। ये हमेशा अपरिवर्तित रहते हैं।

About the Author

Suraj Mainali

Suraj Mainali is the founder and chief content writer at Teaching Yatra, with over 8 years of experience in writing high-quality educational content. He holds an M.Sc. in Physics and Computer Science along with a B.Ed., He creates easy and reliable study materials for teaching exam aspirants.

📧 surajmainali1@gmail.com

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