कंप्यूटर क्या है? – What is Computer in Hindi?

Computer in Hindi

What is Computer in Hindi : आज के डिजिटल युग में कंप्यूटर हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे आप घर पर हों, ऑफिस में काम कर रहे हों, स्कूल में पढ़ाई कर रहे हों या फिर बैंक, हॉस्पिटल या रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर – हर जगह कंप्यूटर का उपयोग हो रहा है। यह एक ऐसी मशीन है जो हमारे कई कठिन कार्यों को आसान बना देती है और कम समय में अधिक काम करने की क्षमता रखती है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कंप्यूटर क्या होता है, यह कैसे काम करता है, इसके प्रकार, उपयोग और फायदे–नुकसान क्या हैं। यदि आप कंप्यूटर की बेसिक जानकारी हिंदी में समझना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।

कंप्यूटर क्या है? (What is Computer?)

कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए निर्देशों को समझकर उनका पालन करती है और आवश्यक परिणाम (आउटपुट) प्रदान करती है।

सरल शब्दों में कहें तो कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो यूजर से इनपुट के रूप में निर्देश प्राप्त करता है, उन्हें प्रोसेस करता है और फिर उसका आउटपुट देता है।

इसका मुख्य उद्देश्य गणना करना, सूचनाओं को संग्रहित करना और आवश्यकतानुसार उनका विश्लेषण (प्रोसेसिंग) करना होता है।

‘Computer’ शब्द अंग्रेजी के “Compute” शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “गणना करना”। कंप्यूटर को हिंदी में ‘संगणक’ कहा जाता है.

इस क्रांतिकारी मशीन का आविष्कार चार्ल्स बैबेज ने किया था, इसी कारण उन्हें कंप्यूटर का जनक (Father of Computer) कहा जाता है।

Computer in Hindi
कंप्युटर का चित्र

कंप्यूटर का पूरा नाम (Full Form of Computer)

कंप्यूटर का फुल फॉर्म “Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research” होता है, जिसका अर्थ है – “ऐसी सामान्य ऑपरेटिंग मशीन जिसका उपयोग विशेष रूप से तकनीकी और शैक्षिक अनुसंधान के लिए किया जाता है।”

कंप्यूटर कैसे काम करता है? (How Does Computer Work?)

कंप्यूटर एक क्रमबद्ध तरीके से कार्य करता है, जिसे हम IPO मॉडल (Input, Process, Output) के नाम से जानते हैं। कंप्यूटर के कार्य करने के तीन step (पद) होते है।

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1. इनपुट (Input)

इस चरण में उपयोगकर्ता कंप्यूटर को कोई डेटा या निर्देश देता है। यह इनपुट कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, या किसी अन्य इनपुट डिवाइस की मदद से दिया जाता है।
उदाहरण: जब आप कीबोर्ड से कोई अक्षर टाइप करते हैं, तो वह कंप्यूटर में इनपुट होता है।

2. प्रोसेसिंग (Processing)

कंप्यूटर का मुख्य हिस्सा, जिसे CPU (Central Processing Unit) कहा जाता है, उस इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है।
यह चरण सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसमें कंप्यूटर दिये गए निर्देशों के आधार पर गणना या विश्लेषण करता है।

3. आउटपुट (Output)

प्रोसेसिंग के बाद, कंप्यूटर हमें उसका परिणाम दिखाता है जिसे आउटपुट कहा जाता है।
आउटपुट मॉनिटर, प्रिंटर, या स्पीकर जैसे डिवाइस के जरिए प्राप्त किया जा सकता है।
उदाहरण: आपने 2+2 लिखा और Enter दबाया, तो स्क्रीन पर 4 दिखाई देगा – यही आउटपुट है।

कंप्यूटर के मुख्य भाग (Main Parts of Computer)

कंप्यूटर कई हिस्सों से मिलकर बना होता है, जो मिलकर इसे कार्य करने में सक्षम बनाते हैं। इसके मुख्य भाग हैं – हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, इनपुट डिवाइस, आउटपुट डिवाइस और CPU

हार्डवेयर (Hardware)

हार्डवेयर वे सभी भौतिक उपकरण होते हैं जिन्हें हम देख और छू सकते हैं।
उदाहरण: मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, मदरबोर्ड आदि।
यह कंप्यूटर का बाहरी और आंतरिक ढांचा होता है।

सॉफ्टवेयर (Software)

सॉफ्टवेयर वह प्रोग्राम या निर्देशों का समूह होता है जो कंप्यूटर को काम करने लायक बनाता है।
यह हार्डवेयर को नियंत्रित और निर्देशित करता है।
उदाहरण: विंडोज, MS Word, ब्राउज़र आदि।

इनपुट डिवाइस (Input Devices)

इन उपकरणों की मदद से उपयोगकर्ता कंप्यूटर में डेटा या आदेश देता है।
उदाहरण: कीबोर्ड, माउस, माइक्रोफोन, स्कैनर आदि।
ये डिवाइस कंप्यूटर को इनपुट प्रदान करते हैं।

आउटपुट डिवाइस (Output Devices)

ये उपकरण प्रोसेस किए गए डेटा का परिणाम उपयोगकर्ता को दिखाते हैं।
उदाहरण: मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर आदि।
इनसे हमें आउटपुट देखने या सुनने को मिलता है।

CPU (Central Processing Unit)

CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है।
यह सभी गणनाओं और प्रोसेसिंग कार्यों को करता है।
इसके तीन मुख्य घटक होते हैं:

  • ALU (Arithmetic Logic Unit) – गणना करता है
  • CU (Control Unit) – नियंत्रण करता है
  • Registers – अस्थायी डेटा संग्रह करते हैं

कंप्यूटर की विशेषताएँ (Features of Computer)

1. गति (Speed):
कंप्यूटर बेहद तेज़ी से कार्य करता है। जहाँ इंसान को कोई कार्य करने में मिनट लगते हैं, वहीं कंप्यूटर वही काम सेकंडों में कर देता है। यह एक ही समय में लाखों गणनाएँ कर सकता है।

2. सटीकता (Accuracy):
कंप्यूटर दिए गए निर्देशों पर बिना गलती के कार्य करता है। इंसान से त्रुटि हो सकती है, लेकिन कंप्यूटर का परिणाम बिल्कुल सटीक होता है (जब तक इनपुट सही हो)।

3. विश्वसनीयता (Reliability):
कंप्यूटर पर बार-बार एक जैसा कार्य करने पर भी परिणाम हमेशा सही और एक जैसा मिलता है। इसी कारण यह अत्यंत भरोसेमंद माना जाता है।

4. मेमोरी (Memory):
कंप्यूटर बड़ी मात्रा में जानकारी को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकता है। इसकी मेमोरी दो प्रकार की होती है – प्राइमरी (RAM) और सेकेंडरी (Hard Disk, SSD)।

5. परिश्रमी (Diligence):
कंप्यूटर लगातार बिना थके काम कर सकता है। चाहे कितने भी घंटे या दिन काम लिया जाए, यह थकता या ऊबता नहीं है।

6. उपयोग में सरल (Ease of Use):
कंप्यूटर चलाना सीखना आसान होता है। थोड़े अभ्यास से कोई भी व्यक्ति इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकता है।

7. स्वचालितता (Automation):
कंप्यूटर एक बार निर्देश देने पर खुद से काम करना शुरू कर देता है और बिना रुकावट कार्य को पूरा करता है।

8. भावनाहीन (No Feelings):
कंप्यूटर के पास कोई भावना नहीं होती। यह बिना किसी भावनात्मक प्रभाव के सिर्फ दिए गए निर्देशों पर काम करता है।

9. बुद्धिमत्ता की कमी (Lack of Intelligence):
कंप्यूटर में खुद से सोचने या निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती। यह केवल पहले से दिए गए प्रोग्राम के अनुसार काम करता है।

10. गोपनीयता (Privacy):
कंप्यूटर में डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पासवर्ड या सुरक्षा तंत्र का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे आपकी निजी जानकारी सुरक्षित रहती है।

कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer)

हर कंप्यूटर एक जैसा नहीं होता। हमारे काम और ज़रूरतों के अनुसार कंप्यूटर भी अलग-अलग आकार, ताकत और क्षमता में आते हैं। आइए जानते हैं कंप्यूटर के मुख्य प्रकारों के बारे में सरल शब्दों में:

पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer – PC)

यह सबसे आम और घरों या दफ्तरों में इस्तेमाल होने वाला कंप्यूटर है। इसे एक व्यक्ति के इस्तेमाल के लिए बनाया गया होता है।
उदाहरण: डेस्कटॉप, लैपटॉप।
कहाँ काम आता है: पढ़ाई, ऑफिस का काम, इंटरनेट चलाना, गेम खेलना।

लैपटॉप (Laptop)

लैपटॉप एक छोटा और पोर्टेबल कंप्यूटर होता है जिसे आप कहीं भी ले जा सकते हैं। इसमें स्क्रीन, कीबोर्ड, माउस (टचपैड) और बैटरी सब कुछ एक ही डिवाइस में होता है।
कहाँ काम आता है: बिज़नेस मीटिंग, यात्रा में, ऑनलाइन क्लासेस।

वर्कस्टेशन (Workstation)

यह एक ऐसा कंप्यूटर होता है जो विशेष रूप से भारी और तकनीकी कार्यों जैसे ग्राफिक्स डिज़ाइन, वीडियो एडिटिंग या वैज्ञानिक गणनाओं के लिए बनाया जाता है।
यह क्यों खास है: इसमें ज्यादा RAM, तेज़ प्रोसेसर और हाई-एंड ग्राफिक्स कार्ड होता है।

सर्वर (Server)

सर्वर वह कंप्यूटर होता है जो दूसरे कंप्यूटरों या डिवाइस को डेटा, फाइल, वेबसाइट या एप्लिकेशन सेवाएं प्रदान करता है।
कहाँ काम आता है: वेबसाइट होस्टिंग, नेटवर्क मैनेजमेंट, बड़ी कंपनियों के डेटा स्टोरेज में।

सुपर कंप्यूटर (Supercomputer)

सुपर कंप्यूटर बहुत ही शक्तिशाली और तेज कंप्यूटर होते हैं जो वैज्ञानिक अनुसंधान, मौसम की भविष्यवाणी और अंतरिक्ष संबंधी कार्यों में इस्तेमाल होते हैं।
मजबूती: ये एक सेकंड में लाखों गणनाएँ कर सकते हैं।

मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)

यह बड़े-बड़े संस्थानों जैसे बैंकों, रेलवे और सरकारी विभागों में उपयोग होने वाला कंप्यूटर होता है। यह हजारों लोगों का डाटा एक साथ प्रोसेस कर सकता है।
कहाँ काम आता है: बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर और प्रोसेस करने में।

टैबलेट और स्मार्टफोन

हालांकि ये पारंपरिक कंप्यूटर नहीं हैं, लेकिन इनमें भी कंप्यूटिंग की क्षमता होती है। आजकल हम मोबाइल और टैबलेट से भी बहुत सारे कंप्यूटर वाले काम कर सकते हैं।

कंप्यूटर के फायदे (Advantages of Computer)

आज के डिजिटल युग में कंप्यूटर हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। पढ़ाई से लेकर व्यापार, चिकित्सा से लेकर मनोरंजन – हर जगह कंप्यूटर का उपयोग हो रहा है। आइए जानते हैं कंप्यूटर से हमें क्या-क्या फायदे होते हैं:

तेज़ और सटीक काम

कंप्यूटर बहुत तेज़ गति से काम करता है और परिणाम भी पूरी तरह सटीक होते हैं। जहां इंसान को एक काम में मिनट लगते हैं, वहीं कंप्यूटर उसे सेकंडों में पूरा कर देता है।

डाटा स्टोरेज की सुविधा

कंप्यूटर में हम हजारों फाइलें, डॉक्यूमेंट, फोटो और वीडियो एक साथ सुरक्षित रख सकते हैं। यह जानकारी लंबे समय तक बिना किसी नुकसान के स्टोर रहती है।

ऑनलाइन शिक्षा और जानकारी

कंप्यूटर से छात्र ऑनलाइन क्लास कर सकते हैं और इंटरनेट के जरिए किसी भी विषय की जानकारी आसानी से पा सकते हैं।

व्यवसाय में मददगार

कंप्यूटर से अकाउंटिंग, स्टॉक मैनेजमेंट, ग्राहक सेवा जैसे कार्य आसान हो जाते हैं। इससे व्यापार में गति और पारदर्शिता आती है।

मनोरंजन का साधन

कंप्यूटर पर मूवी देखना, म्यूजिक सुनना, गेम खेलना और सोशल मीडिया चलाना आसान होता है। यह तनाव दूर करने का अच्छा माध्यम है।

संचार में सहायक

कंप्यूटर से ईमेल, वीडियो कॉल, चैट आदि के माध्यम से हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से तुरंत संपर्क कर सकते हैं।

स्वचालन में मददगार

कंप्यूटर से मशीनें और प्रक्रियाएं ऑटोमेट हो जाती हैं। इससे बार-बार इंसानी हस्तक्षेप की ज़रूरत नहीं पड़ती और काम जल्दी होता है।

नौकरी के अवसर

कंप्यूटर और आईटी क्षेत्र में आज अनेक करियर ऑप्शन हैं, जैसे सॉफ्टवेयर डेवलपर, वेब डिज़ाइनर, डाटा एनालिस्ट, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आदि।

रिपोर्ट और विश्लेषण में सहायक

बड़े डाटा को कंप्यूटर आसानी से प्रोसेस करके रिपोर्ट और विश्लेषण के रूप में पेश करता है, जिससे सही निर्णय लेना आसान हो जाता है।

कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantages of Computer)

जहां कंप्यूटर हमारे जीवन को आसान बनाता है, वहीं इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं। यदि इसका सही उपयोग न किया जाए तो यह हमारे लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है।

साइबर अपराध (Cyber Crime)

इंटरनेट के जरिए अपराध करना आज आम होता जा रहा है। कंप्यूटर का उपयोग डेटा चोरी, ऑनलाइन ठगी और ब्लैकमेल जैसे गलत कार्यों के लिए भी किया जा रहा है, जिसे साइबर क्राइम कहा जाता है।

वायरस का खतरा

कंप्यूटर में वायरस आने से सिस्टम स्लो हो सकता है, जरूरी फाइलें डिलीट हो सकती हैं और डेटा चोरी का खतरा भी बढ़ जाता है। वायरस से कंप्यूटर को बड़ा नुकसान हो सकता है।

सोचने की क्षमता नहीं

कंप्यूटर में इंसान की तरह सोचने या समझने की क्षमता नहीं होती। यह केवल वही काम करता है जो उसे निर्देश दिया जाता है। यह खुद कोई निर्णय नहीं ले सकता।

इंसान पर निर्भरता

कंप्यूटर खुद से काम शुरू नहीं कर सकता। उसे चलाने, ऑपरेट करने और निर्देश देने के लिए हमेशा इंसान की ज़रूरत होती है।

स्वास्थ्य पर असर

कंप्यूटर के लंबे समय तक इस्तेमाल से शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे आंखों की रोशनी कम होना, सिरदर्द, पीठ दर्द और हाथों में दर्द आदि।

महंगा होना

कंप्यूटर खरीदना और उसकी देखभाल करना सस्ता नहीं होता। हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और रिपेयरिंग में अच्छा-खासा खर्च आता है, जो हर किसी के लिए आसान नहीं है।

लत लग जाना

कई लोग कंप्यूटर का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल करने लगते हैं। गेम, सोशल मीडिया या वीडियो देखने की आदत उन्हें कंप्यूटर की लत लगा देती है, जिससे उनका समय और ध्यान दोनों बर्बाद होते हैं।

निष्कर्ष

आज के युग में कंप्यूटर सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। शिक्षा, व्यापार, चिकित्सा, मनोरंजन, संचार – हर क्षेत्र में कंप्यूटर ने क्रांति ला दी है। यह न केवल हमारे काम को तेज़ और आसान बनाता है, बल्कि हमें नई-नई जानकारियाँ भी उपलब्ध कराता है।

हालाँकि, इसके साथ कुछ नुकसान भी जुड़े हैं, जैसे साइबर अपराध, स्वास्थ्य समस्याएँ और लत लगने का खतरा। इसलिए, हमें कंप्यूटर का उपयोग समझदारी और संतुलन के साथ करना चाहिए। सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए तो कंप्यूटर हमारे विकास का सबसे शक्तिशाली माध्यम बन सकता है।

FAQs on कंप्यूटर क्या है? – What is Computer in Hindi?

कंप्यूटर क्या है?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो इनपुट प्राप्त करने के बाद उसे प्रोसेस करता है और एक उचित आउटपुट प्रदान करता है। यह गणना करने, डेटा स्टोर करने और प्रक्रिया करने में सक्षम होता है।

कंप्यूटर कैसे काम करता है?

कंप्यूटर का काम Input, Process, Output (IPO) मॉडल के आधार पर होता है। सबसे पहले यूज़र इनपुट देता है, फिर CPU उसे प्रोसेस करता है, और अंत में आउटपुट डिवाइस पर परिणाम दिखाता है।

कंप्यूटर के मुख्य भाग कौन से हैं?

कंप्यूटर के मुख्य भागों में हार्डवेयर (मॉनिटर, कीबोर्ड, CPU), सॉफ्टवेयर (विंडोज़, एप्लिकेशन), इनपुट डिवाइस (कीबोर्ड, माउस) और आउटपुट डिवाइस (मॉनिटर, प्रिंटर) शामिल हैं।

कंप्यूटर के प्रकार कौन से होते हैं?

कंप्यूटर के प्रमुख प्रकार हैं: पर्सनल कंप्यूटर (PC), लैपटॉप, वर्कस्टेशन, सर्वर, सुपर कंप्यूटर, और मेनफ्रेम कंप्यूटर।

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?

कंप्यूटर का आविष्कार चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने किया था, जिन्हें “कंप्यूटर का जनक” भी कहा जाता है।

About the Author

Suraj Mainali

Suraj Mainali is the founder and chief content writer at Teaching Yatra, with over 8 years of experience in writing high-quality educational content. He holds an M.Sc. in Physics and Computer Science along with a B.Ed., He creates easy and reliable study materials for teaching exam aspirants.

📧 surajmainali1@gmail.com

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