
हिंदी व्याकरण में ‘कारक’ (Karak in Hindi) एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है, जो वाक्य निर्माण और शब्दों के आपसी संबंध को स्पष्ट करने में सहायता करता है। जब भी हम कोई वाक्य बनाते हैं, तो उसमें प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम शब्द का क्रिया से कोई-न-कोई संबंध अवश्य होता है। यही संबंध दर्शाने के लिए हम ‘कारक’ का प्रयोग करते हैं।
सरल शब्दों में कहें तो, कारक वह माध्यम है जिससे हमें यह पता चलता है कि वाक्य में कौन कार्य कर रहा है, किस पर कार्य हो रहा है, किसके लिए कार्य हो रहा है या किसके द्वारा कार्य हो रहा है। बिना कारक के, वाक्य अधूरा और अस्पष्ट हो सकता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे —
🔹 कारक की परिभाषा क्या है,
🔹 कारक कितने प्रकार के होते हैं,
🔹 प्रत्येक कारक के उदाहरण,
🔹 और साथ में मिलेगा आसान भाषा में तालिका, नियम, और FAQs भी।
चाहे आप छात्र हों, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों या शिक्षक — यह लेख आपको हिंदी व्याकरण के इस मूलभूत और अनिवार्य विषय को पूरी तरह समझने में मदद करेगा।
Table of Contents
कारक की परिभाषा (Definition of Karak in Hindi)
कारक (Karak in Hindi) वह व्याकरणिक पद है जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से जो संबंध दर्शाता है, उसे कारक कहते हैं।
सरल भाषा में: वाक्य में जो शब्द यह बताते हैं कि क्रिया किसके द्वारा, किसके लिए, किसके साथ या किस पर हो रही है — उन्हें कारक कहते हैं।
👉 उदाहरण:
- राम ने सेब खाया। यहाँ ‘राम’ कर्ता कारक है क्योंकि उसने क्रिया की।
- वह पुस्तक को पढ़ रहा है। यहाँ ‘पुस्तक को’ कर्म कारक है क्योंकि उस पर क्रिया हो रही है।
कारक के भेद (Types of Karak in Hindi)
जब हम हिंदी में कोई वाक्य बनाते हैं, तो उसमें प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम शब्द का क्रिया से जो संबंध होता है, वह अलग-अलग प्रकार का हो सकता है। इसी आधार पर कारकों के कई भेद होते हैं। प्रत्येक कारक यह दर्शाता है कि वाक्य में कोई कार्य किसने किया, किस पर हुआ, किससे हुआ, किसके लिए हुआ या कहाँ हुआ। इन सभी पहलुओं को समझने के लिए कारकों को आठ भागों में बाँटा गया है, जैसे – कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान आदि। प्रत्येक कारक का अपना एक विशेष चिन्ह, उदाहरण, और व्यवहारिक प्रयोग होता है। इस अनुभाग में हम सभी 8 प्रकार के कारकों को उनके चिन्हों और उदाहरणों के साथ विस्तार से समझेंगे, जिससे यह विषय आपके लिए पूरी तरह स्पष्ट हो जाए।
| क्रम | कारक का नाम | चिन्ह | उदाहरण | व्याख्या |
|---|---|---|---|---|
| 1 | कर्ता कारक | ने | राम ने खाना खाया। | जो कार्य करता है। |
| 2 | कर्म कारक | को | राम ने सेब को खाया। | जिस पर क्रिया होती है। |
| 3 | करण कारक | से | वह चाकू से फल काटता है। | जिससे क्रिया की जाती है। |
| 4 | सम्प्रदान कारक | को/लिए | उसने मुझे किताब दी। | जिसके लिए क्रिया होती है। |
| 5 | अपादान कारक | से | वह गाँव से आया। | जहां से अलगाव हो रहा हो। |
| 6 | अधिकरण कारक | में/पर | वह स्कूल में पढ़ता है। | जिसमें या जिस स्थान पर क्रिया हो। |
| 7 | संबंध कारक | का/के/की | यह राम का घर है। | किसी का संबंध दर्शाने वाला शब्द। |
| 8 | संबोधन कारक | हे/ओ/रे | हे राम! इधर आओ। | किसी को पुकारने के लिए प्रयुक्त। |
1. कर्ता कारक (Karta Karak)
➤ परिभाषा:
जिस रूप से यह बोध हो कि क्रिया कौन कर रहा है, वह कर्ता कारक कहलाता है।
कर्ता का कार्य वाक्य में स्वतंत्र होता है। इसकी विभक्ति ‘ने’ मानी जाती है, लेकिन यह हमेशा प्रयुक्त नहीं होती।
‘ने’ का प्रयोग मुख्यतः भूतकाल की सकर्मक क्रियाओं में होता है, न कि वर्तमान या भविष्यकाल में।
🔍 विवरणात्मक नियम:
- कर्ता पद अक्सर संज्ञा या सर्वनाम होता है।
- ‘ने’ का प्रयोग पश्चिमी हिंदी में सामान्य है, यह विभक्ति हिंदी और उर्दू में पाई जाती है।
- वर्तमान और भविष्यकाल की क्रियाओं के साथ ‘ने’ नहीं आता।
- अकर्मक क्रियाओं के साथ भी ‘ने’ नहीं आता।
✅ उदाहरण (Rewritten):
- राम ने रावण को मारा। → ‘राम’ कर्ता है, ‘ने’ विभक्ति चिह्न है, ‘मारा’ भूतकाल की क्रिया है।
- लड़की स्कूल जाती है। → ‘लड़की’ कर्ता है, लेकिन यहाँ वर्तमान काल है, इसलिए ‘ने’ नहीं आया।
- वह हँसा। → क्रिया अकर्मक है, ‘ने’ नहीं लगा।
- मुझे सो जाना चाहिए। → यहाँ ‘मुझे’ प्रयोग विधिक क्रिया के कारण हुआ है।
📌 नियमानुसार प्रयोग:
🔸 परसर्ग सहित (ने के साथ):
- भूतकाल की सकर्मक क्रिया: राहुल ने किताब पढ़ी।
- प्रेरणार्थक क्रिया: मैंने उसे भेजा।
- संयुक्त सकर्मक क्रिया: राम ने चिठ्ठी लिख दी।
🔸 परसर्ग रहित (ने के बिना):
- अकर्मक क्रिया: बालक गिरा।
- वर्तमान/भविष्यकाल: सीमा गाना गाएगी।
- संभाव्यता/अनुभव: उसे जाना है।
2. कर्म कारक (Karm Karak)
➤ परिभाषा:
जिस पर क्रिया का सीधा प्रभाव पड़ता है, वह पद कर्म कारक कहलाता है।
चिन्ह: ‘को’ (बहुत बार नहीं भी लगता)
🔍 विशेष जानकारी:
- यह कर्म संज्ञा या विशेषण के संज्ञारूप भी हो सकता है।
- कुछ क्रियाओं (जैसे – बुलाना, कोसना, सुलाना) में ‘को’ विभक्ति अनिवार्य होती है।
✅ उदाहरण (Rewritten):
- मोहन ने साँप को मारा। → ‘साँप’ पर क्रिया का प्रभाव, कर्म कारक।
- सीता ने पत्र लिखा। → ‘पत्र’ पर प्रभाव पड़ा, लेकिन ‘को’ नहीं आया।
- अध्यापक छात्र को डांटता है।
- माँ बच्चे को सुला रही है।
- राम को बुलाओ।
- उसने कविता सुनाई। → ‘कविता’ कर्म कारक है।
3. करण कारक (Karan Karak)
➤ परिभाषा:
जिससे कार्य किया जाता है — जैसे उपकरण, माध्यम, साधन — वह करण कारक कहलाता है।
चिन्ह: ‘से’, ‘द्वारा’
✅ उदाहरण (Rewritten):
- अर्जुन ने बाण से वार किया।
- मैंने पेन से लिखा।
- शिशु चम्मच से खाता है।
- उसने चाकू से सेब काटा।
4. सम्प्रदान कारक (Sampradan Karak)
➤ परिभाषा:
जिसके लिए या जिसे कुछ दिया जाता है, उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं।
चिन्ह: ‘को’, ‘के लिए’
✅ उदाहरण (Rewritten):
- गुरुजी को फूल दो।
- गरीबों के लिए कंबल लाओ।
- मैं बच्चे के लिए दूध लाया।
- अमन ने सोहन को किताब दी।
5. अपादान कारक (Apadan Karak)
➤ परिभाषा:
जिससे वियोग या अलगाव का बोध हो, वह अपादान कारक कहलाता है।
चिन्ह: ‘से’
✅ उदाहरण (Rewritten):
- वह छत से गिर पड़ा।
- बच्चा माँ से दूर हो गया।
- जेब से पैसे गिर गए।
- गंगा हिमालय से निकलती है।
6. अधिकरण कारक (Adhikaran Karak)
➤ परिभाषा:
जिस स्थान, समय या स्थिति में क्रिया घटित हो, वह अधिकरण कारक कहलाता है।
चिन्ह: ‘में’, ‘पर’, ‘अंदर’, ‘ऊपर’, ‘बीच’
✅ उदाहरण (Rewritten):
- किताब मेज पर रखी है।
- राम मंदिर में गया।
- गाड़ी सड़क पर खड़ी है।
- महल में दीप जल रहा है।
7. संबंध कारक (Sambandh Karak)
➤ परिभाषा:
जिससे दो संज्ञाओं के बीच संबंध का बोध हो, वह संबंध कारक कहलाता है।
चिन्ह: ‘का’, ‘के’, ‘की’ (लिंग, वचन के अनुसार)
✅ उदाहरण (Rewritten):
- यह मोहन का बैग है।
- गीता की किताब खो गई।
- बच्चों के खिलौने नीचे हैं।
- मेरी माँ घर पर हैं।
8. संबोधन कारक (Sambodhan Karak)
➤ परिभाषा:
जिससे किसी को पुकारा या संबोधित किया जाए, वह संबोधन कारक कहलाता है।
चिन्ह: ‘हे’, ‘अरे’, ‘ओ’, ‘री’, आदि
✅ उदाहरण (Rewritten):
- हे राम! यहाँ आओ।
- अरे भाई! यह क्या किया?
- ओ बच्चो! ध्यान दो।
- री सीता! जल्दी आ।
🔄 तुलनात्मक अंतर (Differences):
✔ कर्म vs सम्प्रदान:
- कर्म कारक में क्रिया का प्रभाव जिस पर पड़े — जैसे राम ने पत्र लिखा।
- सम्प्रदान कारक में क्रिया किसी के लिए या हेतु हो — जैसे राम ने मुझे पत्र दिया।
✔ करण vs अपादान:
- करण कारक में साधन — जैसे मैंने कलम से लिखा।
- अपादान कारक में वियोग या अलगाव — जैसे कलम जेब से गिर गई।
हिंदी में कारक और उनके उदाहरण (Table of Karak with Examples)
| कारक का नाम | विभक्ति / चिन्ह | पहचान का प्रश्न | उदाहरण वाक्य | कारक शब्द |
|---|---|---|---|---|
| कर्ता कारक | ने | किसने? | राम ने रावण को मारा। | राम (कर्ता) |
| कर्म कारक | को / (कभी नहीं) | किसे? क्या? | सीता ने पत्र लिखा। | पत्र (कर्म) |
| करण कारक | से / द्वारा | किससे? | अर्जुन ने जयद्रथ को बाण से मारा। | बाण (साधन) |
| सम्प्रदान कारक | को / के लिए | किसे? किसके लिए? | माँ बच्चे के लिए दूध लायी। | बच्चे के लिए |
| अपादान कारक | से | किससे? कहाँ से? | बच्चा छत से गिर पड़ा। | छत (वियोग) |
| अधिकरण कारक | में / पर | कहाँ? किसमें? किस पर? | वह कक्षा में पढ़ रहा है। | कक्षा (स्थान) |
| संबंध कारक | का / के / की | किसका? किसकी? | यह मोहन का घर है। | मोहन का (संबंध) |
| संबोधन कारक | हे, ओ, अरे आदि | किसे पुकारा? | हे राम! यहाँ आओ। | राम (संबोधित) |
कारक चार्ट – Karak in Hindi Chart
हिंदी व्याकरण में कारक वह तत्व होता है जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से संबंध स्पष्ट करता है। कारक यह बताता है कि वाक्य में कौन कार्य कर रहा है, कार्य किस पर हो रहा है, किसके लिए हो रहा है, किससे हो रहा है, कहाँ हो रहा है आदि।
अक्सर छात्रों को कारकों को पहचानने, उनके विभक्ति-चिह्न समझने और उनके प्रयोग को उदाहरणों के साथ समझना कठिन होता है। इसी उद्देश्य से यह इंटरएक्टिव चार्ट तैयार किया गया है, जो कारकों की संपूर्ण जानकारी को सरल, स्पष्ट और आकर्षक रूप में प्रस्तुत करता है।
इस चार्ट की विशेषताएँ:
- सभी 8 प्रकार के कारक (कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, अधिकरण, संबंध, संबोधन) शामिल हैं।
- प्रत्येक कारक के लिए विभक्ति-चिह्न, संबंधित प्रश्न, और उदाहरण वाक्य दिए गए हैं।
- हर पंक्ति पर क्लिक करने पर उस कारक का विस्तृत विवरण नीचे खुलता है, जिससे छात्र उसे और गहराई से समझ सकते हैं।
यह चार्ट हिंदी भाषा के शिक्षकों, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों और हिंदी व्याकरण के जिज्ञासु पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है
हिंदी व्याकरण – कारक चार्ट
| क्रम | कारक | चिन्ह | प्रश्न | उदाहरण |
|---|---|---|---|---|
| 1 | कर्ता | ने | किसने? | राम ने रावण को मारा। |
| 2 | कर्म | को / (नहीं भी) | क्या? किसे? | सीता ने पत्र लिखा। |
| 3 | करण | से / द्वारा | किससे? | बच्चा चम्मच से खाता है। |
| 4 | सम्प्रदान | को / के लिए | किसे? किसके लिए? | माँ बेटे के लिए दूध लायी। |
| 5 | अपादान | से | कहाँ से? | वह छत से गिरा। |
| 6 | अधिकरण | में / पर | कहाँ? | कक्षा में छात्र हैं। |
| 7 | संबंध | का / के / की | किसका? | यह मोहन का घर है। |
| 8 | संबोधन | हे, ओ, अरे | किसे पुकारा? | हे राम! इधर आओ। |
कारक चार्ट PDF – Karak in Hindi Chart Pdf
यह PDF हिंदी व्याकरण के सभी 8 कारकों को एक आकर्षक चार्ट के रूप में दर्शाता है। इसमें हर कारक के विभक्ति चिन्ह, प्रश्न और उदाहरण वाक्य शामिल हैं। यह छात्रों और प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए बेहद उपयोगी है।
MCQs on कारक (Karak in Hindi)
- वाक्य में क्रिया करने वाले को क्या कहते हैं?
(A) कर्म
(B) कर्ता
(C) करण
(D) संप्रदान
✔ उत्तर: (B) - कर्ता कारक की विभक्ति क्या होती है?
(A) को
(B) से
(C) ने
(D) का
✔ उत्तर: (C) - “राम ने रावण को मारा।” – ‘राम’ कौन-सा कारक है?
(A) कर्ता
(B) कर्म
(C) करण
(D) संबोधन
✔ उत्तर: (A) - “मोहन ने पुस्तक पढ़ी।” – ‘पुस्तक’ कौन-सा कारक है?
(A) कर्ता
(B) कर्म
(C) संप्रदान
(D) संबंध
✔ उत्तर: (B) - ‘से’ विभक्ति दो कारकों में प्रयुक्त होती है –
(A) कर्ता और कर्म
(B) करण और अपादान
(C) संबोधन और संप्रदान
(D) अधिकरण और संबंध
✔ उत्तर: (B) - “वह छत से गिरा।” – ‘छत से’ कौन-सा कारक है?
(A) अधिकरण
(B) करण
(C) अपादान
(D) संप्रदान
✔ उत्तर: (C) - ‘को’ विभक्ति किस कारक में होती है?
(A) कर्ता
(B) कर्म और संप्रदान
(C) करण
(D) संबोधन
✔ उत्तर: (B) - “सीता फल खाती है।” – ‘फल’ कौन-सा कारक है?
(A) कर्म
(B) कर्ता
(C) संप्रदान
(D) अधिकरण
✔ उत्तर: (A) - “अर्जुन ने बाण से मारा।” – ‘बाण से’ कौन-सा कारक है?
(A) अपादान
(B) करण
(C) संप्रदान
(D) संबोधन
✔ उत्तर: (B) - “हे राम! मेरी बात सुनो।” – ‘हे राम’ कौन-सा कारक है?
(A) संबोधन
(B) कर्ता
(C) संप्रदान
(D) संबंध
✔ उत्तर: (A) - “कमरे में किताब है।” – ‘कमरे में’ कौन-सा कारक है?
(A) अधिकरण
(B) संबंध
(C) संप्रदान
(D) अपादान
✔ उत्तर: (A) - संबंध कारक की विभक्ति क्या होती है?
(A) में
(B) से
(C) का, के, की
(D) ने
✔ उत्तर: (C) - “यह राहुल का घर है।” – ‘राहुल का’ कौन-सा कारक है?
(A) संप्रदान
(B) संबंध
(C) अधिकरण
(D) अपादान
✔ उत्तर: (B) - “मैंने उसे बुलाया।” – ‘ने’ किसका विभक्ति चिह्न है?
(A) कर्ता
(B) संप्रदान
(C) अधिकरण
(D) संबंध
✔ उत्तर: (A) - “बालक गेंद से खेल रहा है।” – ‘गेंद से’ कौन-सा कारक है?
(A) अपादान
(B) कर्ता
(C) करण
(D) संबंध
✔ उत्तर: (C) - “माँ बेटे के लिए दूध लायी।” – ‘बेटे के लिए’ कौन-सा कारक है?
(A) अधिकरण
(B) संप्रदान
(C) संबंध
(D) करण
✔ उत्तर: (B) - “गंगा हिमालय से निकलती है।” – ‘हिमालय से’ कौन-सा कारक है?
(A) करण
(B) अपादान
(C) अधिकरण
(D) संबंध
✔ उत्तर: (B) - कारकों की कुल संख्या कितनी होती है?
(A) 6
(B) 7
(C) 8
(D) 9
✔ उत्तर: (C) - “राम के घर में दीपक जल रहा है।” – इसमें कितने कारक हैं?
(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) कोई नहीं
✔ उत्तर: (B) - “बच्चा हँस रहा है।” – इसमें ‘ने’ विभक्ति क्यों नहीं है?
(A) क्योंकि यह संप्रदान कारक है
(B) क्योंकि यह संबोधन है
(C) क्योंकि क्रिया अकर्मक है
(D) क्योंकि यह संज्ञा है
✔ उत्तर: (C)
कारक से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
कारक क्या होता है?
वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का जो रूप क्रिया से किसी संबंध को प्रकट करता है, उसे कारक कहते हैं।
हिंदी में कुल कितने प्रकार के कारक होते हैं?
हिंदी में कुल 8 प्रकार के कारक होते हैं – कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, अधिकरण, संबंध, और संबोधन।
कर्ता कारक क्या होता है?
जो वाक्य में कार्य करता है, उसे कर्ता कारक कहते हैं। इसकी विभक्ति ‘ने’ होती है। जैसे – राम ने रावण को मारा।
‘ने’ विभक्ति का प्रयोग किस काल में होता है?
‘ने’ विभक्ति का प्रयोग केवल भूतकाल की सकर्मक क्रियाओं के साथ होता है।
कर्म कारक क्या होता है?
जिस पर क्रिया का फल पड़ता है, वह कर्म कारक होता है। जैसे – सीता ने पत्र लिखा।
करण कारक की पहचान कैसे करें?
जिससे कार्य किया गया हो वह करण कारक कहलाता है। इसके विभक्ति चिन्ह – ‘से’ या ‘द्वारा’ होते हैं। जैसे – राम ने बाण से मारा।
अपादान और करण में अंतर क्या है?
करण कारक में ‘से’ का अर्थ होता है साधन।
अपादान कारक में ‘से’ का अर्थ होता है अलगाव या दूर होना।
संप्रदान कारक क्या होता है?
जिसको कुछ दिया जाता है या जिसके लिए कोई कार्य किया जाता है, वह संप्रदान कारक कहलाता है। जैसे – माँ बेटे के लिए दूध लायी।
अधिकरण कारक का प्रयोग कहाँ होता है?
जहाँ क्रिया घटित होती है, वह स्थान अधिकरण कारक दर्शाता है। विभक्ति ‘में’ या ‘पर’ होती है। जैसे – कक्षा में छात्र हैं।
संबोधन कारक क्या होता है?
किसी को पुकारने या ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रयुक्त रूप संबोधन कारक कहलाता है। जैसे – हे मित्र! इधर आओ।
संबंध कारक कैसे पहचानें?
जहाँ एक संज्ञा का संबंध दूसरी से हो, वहाँ संबंध कारक होता है। इसके विभक्ति चिन्ह होते हैं – ‘का’, ‘के’, ‘की’। जैसे – यह राम का घर है।
क्या एक वाक्य में एक से अधिक कारक हो सकते हैं?
हाँ, एक वाक्य में एक से अधिक कारक हो सकते हैं। जैसे – राम ने रावण को बाण से मारा। (कर्ता, कर्म, करण तीनों हैं)
कौन-से कारकों में ‘को’ विभक्ति का प्रयोग होता है?
‘को’ का प्रयोग मुख्यतः कर्म कारक और संप्रदान कारक में होता है।
‘राम छत से गिरा।’ – यह किस कारक का उदाहरण है?
यह अपादान कारक का उदाहरण है।
संबोधन कारक का वाक्य में क्या कार्य होता है?
यह किसी को पुकारने, सचेत करने या संवाद में जोड़ने का कार्य करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हिंदी भाषा की व्याकरणिक संरचना में ‘कारक’ एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वाक्य की रचना और अर्थ को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने के लिए यह आवश्यक होता है कि हम संज्ञा या सर्वनाम के कारक रूप को समझें और उनका प्रयोग सही प्रकार से करें। इस लेख में हमने हिंदी व्याकरण के आठों कारकों – कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, अधिकरण, संबंध और संबोधन – का न केवल परिभाषात्मक अध्ययन किया, बल्कि उनके विभक्ति-चिन्ह, प्रश्न-निर्धारण, उदाहरण वाक्य और प्रयोग के नियमों पर भी विस्तार से चर्चा की।
इसके साथ ही हमने एक आकर्षक चार्ट, 20 MCQ प्रश्न, और FAQs भी प्रस्तुत किए, जिससे विद्यार्थी न केवल इन कारकों को समझें, बल्कि परीक्षा की दृष्टि से भी उन्हें आत्मसात कर सकें। विशेष रूप से करण और अपादान, कर्म और संप्रदान, जैसे समान दिखने वाले कारकों के बीच का अंतर स्पष्ट करना छात्रों के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा।
कारक केवल व्याकरण का विषय नहीं है, बल्कि भाषा की आत्मा है — जिसके बिना कोई भी वाक्य अर्थपूर्ण नहीं बन सकता। सही कारक के प्रयोग से वाक्य में न केवल स्पष्टता आती है, बल्कि वह व्याकरणिक रूप से भी शुद्ध और प्रभावी बनता है।
अतः यदि आप हिंदी भाषा को गहराई से समझना चाहते हैं, या किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं — तो कारकों का ज्ञान और अभ्यास आपकी भाषा कौशल की नींव को मजबूत करेगा। इस लेख को बार-बार पढ़ें, चार्ट का उपयोग करें, और MCQs के ज़रिए खुद को परखें — यही सफलता की कुंजी है।

