पद, पद परिचय (Pad Parichay in Hindi) – परिभाषा, भेद और उदाहरण

Pad Parichay

वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को पहचानकर उनका परिचय देना पद परिचय (Pad Parichay) कहलाता है। इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि पद क्या होता है, पद परिचय कैसे लिखा जाता है, पद परिचय के नियम क्या हैं, और उदाहरणों के माध्यम से इसे कैसे समझा जा सकता है। यहाँ सभी बातें आसान और सरल भाषा में समझाई गई हैं ताकि छात्रों को समझने में कोई कठिनाई न हो।

पद की परिभाषा

जब किसी सार्थक वर्ण-समूह (शब्द) का प्रयोग वाक्य में होता है, तो वह व्याकरण के नियमों के अनुसार बदल सकता है और उसका एक विशेष रूप बन जाता है। वाक्य में प्रयुक्त यही रूप ‘पद’ कहलाता है। यानी जब कोई शब्द वाक्य का हिस्सा बनता है और व्याकरणिक नियमों के अनुसार कार्य करता है, तो उसे ‘शब्द’ नहीं बल्कि ‘पद’ कहा जाता है।

पद के भेद

हिंदी में पदों को मुख्यतः पाँच भागों में बाँटा गया है। ये हैं:

  1. संज्ञा
  2. सर्वनाम
  3. विशेषण
  4. क्रिया
  5. अव्यय

पद परिचय : Pad Parichay

जब किसी वाक्य में प्रयुक्त शब्दों (पदों) का व्याकरणिक परिचय दिया जाता है, तो उसे पद परिचय कहा जाता है। इसका मतलब है कि वाक्य में कौन-सा शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय, क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक आदि है, और उसका अन्य पदों से क्या संबंध है — यह सब विस्तार से बताया जाता है।

हिंदी व्याकरण में इसके अन्य नाम भी हैं जैसे: पदान्वय, पदनिर्देश, पदनिर्णय, पद-विन्यास, और पदच्छेद। ये सब पद परिचय के पर्यायवाची शब्द हैं।

दूसरे शब्दों में कहें तो पद परिचय में वाक्य के प्रत्येक शब्द को अलग करके उसका व्याकरणिक रूप, प्रकार और अन्य शब्दों से संबंध बताया जाता है। इसमें व्याकरण के सभी प्रमुख तत्वों को ध्यान में रखना पड़ता है।

पद परिचय लिखने के मुख्य संकेत

पद परिचय लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

1. संज्ञा:

  • प्रकार: जातिवाचक, व्यक्तिवाचक, भाववाचक
  • लिंग: पुल्लिंग / स्त्रीलिंग
  • वचन: एकवचन / बहुवचन
  • कारक और क्रिया से संबंध

संज्ञा का पद परिचय करते समय वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक संज्ञा शब्द को अलग करके उसका व्याकरणिक विवरण देना चाहिए, जिसमें उसके लिंग, वचन और कारक का स्पष्ट उल्लेख करना आवश्यक होता है।

उदाहरण:
वाक्य: गाय घास खाती है।

  • गाय – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
  • घास – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक

2. सर्वनाम:

  • भेद: पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक, निजवाचक
  • लिंग, वचन, कारक, संबंध

सर्वनाम का पद परिचय देते समय सबसे पहले वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम शब्द को पहचानना चाहिए, फिर उसका प्रकार (जैसे– पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक, या निजवाचक) बताना होता है। इसके बाद उस शब्द का वचन, लिंग, कारक और अन्य पदों से उसका व्याकरणिक संबंध स्पष्ट किया जाता है।

उदाहरण:
वाक्य: मैंने उसे बुलाया।

  • मैं – पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक
  • उसे – पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, एकवचन, कर्म कारक

3. विशेषण:

  • भेद: गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक
  • विशेष्य, लिंग, वचन

विशेषण का पद परिचय करते समय, संज्ञा और सर्वनाम की तरह उसका लिंग, वचन, कारक तथा जिस शब्द की विशेषता वह प्रकट कर रहा है—उस विशेष्य का उल्लेख करना आवश्यक होता है।

उदाहरण:
वाक्य: नीला फूल बहुत सुंदर है।

  • नीला – गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘फूल’ इसका विशेष्य
  • सुंदर – गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘फूल’ का गुण

4. क्रिया:

  • भेद: सकर्मक, अकर्मक, मुख्य, सहायक
  • काल, वाच्य, लिंग, वचन, धातु

क्रिया का पद परिचय करते समय, उसमें क्रिया का प्रकार, वाच्य, पुरुष, लिंग, वचन, काल तथा वह पद जिससे क्रिया का संबंध स्थापित होता है—इन सभी बातों को स्पष्ट रूप से उल्लेखित करना चाहिए।

उदाहरण:
वाक्य: बच्चे खेल रहे हैं।

  • खेल रहे हैं – अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य

5. अव्यय:

  • भेद: क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक
  • जिससे संबंध हो, उसका उल्लेख

अव्यय का पद परिचय करते समय, अव्यय शब्द, उसका भेद तथा जिस पद या क्रिया से उसका संबंध है—इन सभी बातों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना आवश्यक होता है।

उदाहरण:
वाक्य: राम वहाँ खड़ा है।

  • वहाँ – स्थानवाचक क्रियाविशेषण, ‘खड़ा है’ क्रिया का स्थान सूचक

विकारी और अविकारी शब्द

हिन्दी में सार्थक-शब्द दो भागों में विभाजित किए गए है-

विकारी शब्द:

वो शब्द जिनमें लिंग, वचन, काल आदि का बदलाव हो सकता है।
उदाहरण: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया

उदाहरण:
वाक्य: लड़का खेल रहा है।

  • एकवचन → लड़के खेल रहे हैं। (बहुवचन)

अविकारी शब्द:

वो शब्द जिनका रूप स्थिर रहता है — जैसे: क्रियाविशेषण, समुच्चयबोधक, संबंधबोधक, विस्मयादिबोधक

उदाहरण:
वाक्य: बच्चे धीरे-धीरे चल रहे हैं।

  • धीरे-धीरे – रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘चल रहे हैं’ क्रिया का विशेषण

पद परिचय के अन्य उदाहरण

उदाहरण 1: रीना बाजार गई थी।

  • रीना – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
  • बाजार – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, गंतव्य स्थान
  • गई थी – क्रिया, अकर्मक, स्त्रीलिंग, एकवचन, भूतकाल

उदाहरण 2: राम और मोहन स्कूल जा रहे हैं।

  • राम – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक
  • मोहन – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक
  • स्कूल – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, गंतव्य स्थान
  • जा रहे हैं – क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, बहुवचन, वर्तमान काल

उदाहरण 3: वह पुस्तक पढ़ रहा है।

  • वह – सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्यपुरुष, एकवचन, कर्ता कारक
  • पुस्तक – संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
  • पढ़ रहा है – क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल

उदाहरण 4: बगीचे में फूल खिले हैं।

  • बगीचे – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक
  • फूल – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्म कारक
  • खिले हैं – क्रिया, अकर्मक, पुल्लिंग, बहुवचन, वर्तमान काल

उदाहरण 5: मैं घर पर था।

  • मैं – सर्वनाम, पुरुषवाचक, प्रथम पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक
  • घर – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक
  • था – क्रिया, अकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, भूतकाल

उदाहरण 6: सीता जल्दी आई थी।

  • सीता – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
  • जल्दी – क्रिया विशेषण, समयवाचक, क्रिया का विशेषण
  • आई थी – क्रिया, सकर्मक, स्त्रीलिंग, एकवचन, भूतकाल

उदाहरण 7: बच्चे खुशी से खेल रहे हैं।

  • बच्चे – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक
  • खुशी – संज्ञा, भाववाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, सहायक शब्द
  • खेल रहे हैं – क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, बहुवचन, वर्तमान काल

उदाहरण 8: वह किताब पढ़ रही है।

  • वह – सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्यपुरुष, एकवचन, कर्ता कारक
  • किताब – संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
  • पढ़ रही है – क्रिया, सकर्मक, स्त्रीलिंग, एकवचन, वर्तमान काल

उदाहरण 9: सूरज बहुत गर्म है।

  • सूरज – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक
  • बहुत – क्रिया विशेषण, परिमाणवाचक, क्रिया का विशेषण
  • गर्म है – क्रिया, अकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल

उदाहरण 10: बच्चों ने खेल किट खरीदी थी।

  • बच्चों – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक
  • खेल – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
  • किट – संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
  • खरीदी थी – क्रिया, सकर्मक, स्त्रीलिंग, एकवचन, भूतकाल

उदाहरण 11: उन्होंने हमें मदद की।

  • उन्होंने – सर्वनाम, पुरुषवाचक, बहुवचन, कर्ता कारक
  • हमें – सर्वनाम, पुरुषवाचक, बहुवचन, कर्म कारक
  • मदद की – संज्ञा (भाववाचक) + क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भूतकाल

अभ्यास प्रश्न

केवल रेखांकित पदों का पद परिचय दीजिए:

  1. मैं रोज़ स्कूल जाता हूँ।
  2. वह अच्छी किताब पढ़ रही है।
  3. उन्होंने खेल में भाग लिया।
  4. यहाँ बहुत शोर है।
  5. तुम कल कहाँ थे?
  6. रीना धीरे चल रही थी।
  7. क्या तुमने काम पूरा किया?
  8. राम अभी सोकर उठा है।
  9. श्याम ने मुझसे सच कहा।
  10. वाह! तुमने कमाल कर दिया।

उत्तर – पद परिचय

  1. मैं – पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक
  2. अच्छी – गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य “किताब”
  3. खेल – भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक
  4. यहाँ – स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, ‘है’ क्रिया से संबंधित
  5. तुम – पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक
  6. धीरे – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, ‘चल रही थी’ क्रिया की विशेषता
  7. क्या – प्रश्नवाचक सर्वनाम, ‘तुमने’ कर्ता से संबंधित
  8. अभी – कालवाचक क्रिया-विशेषण, ‘उठा है’ क्रिया से संबंध
  9. मुझसे – निजवाचक सर्वनाम, एकवचन, संबंध कारक
  10. वाह! – विस्मयादिबोधक अव्यय, भाव प्रकट करता है

FAQ – पद परिचय के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पद परिचय किसे कहते हैं?

जब कोई शब्द वाक्य में उपयोग होता है तो उसे पद कहते हैं। वाक्य में उस शब्द का व्याकरणिक विश्लेषण करना—जैसे उसका प्रकार, लिंग, वचन, कारक आदि बताना—पद परिचय कहलाता है।

हिन्दी में पदों के कितने प्रकार होते हैं?

हिन्दी में पदों के मुख्यतः पाँच प्रकार माने जाते हैं: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया और अव्यय

पद और शब्द में क्या अंतर है?

“शब्द” शब्दकोश में स्वतंत्र रूप से होता है, जबकि “पद” वह शब्द होता है जो किसी वाक्य में प्रयोग किया गया हो और उसका किसी अन्य शब्द से व्याकरणिक संबंध हो।

पद परिचय देने का उद्देश्य क्या है?

पद परिचय से यह स्पष्ट होता है कि वाक्य के प्रत्येक शब्द का व्याकरणिक स्वरूप क्या है और वह वाक्य में किस भूमिका में प्रयोग हुआ है।

About the Author

Suraj Mainali

Suraj Mainali is the founder and chief content writer at Teaching Yatra, with over 8 years of experience in writing high-quality educational content. He holds an M.Sc. in Physics and Computer Science along with a B.Ed., He creates easy and reliable study materials for teaching exam aspirants.

📧 surajmainali1@gmail.com

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